दिल को छू लेने वाला वीडियो: मदीना में मुस्लिम व्यक्ति ने प्रेमानंद महाराज जी की सेहत के लिए की प्रार्थना
दिल को छू लेने वाला वीडियो: मदीना में मुस्लिम व्यक्ति ने प्रेमानंद महाराज जी की सेहत के लिए की प्रार्थना

दिल को छू लेने वाला वीडियो: मदीना में मुस्लिम व्यक्ति ने प्रेमानंद महाराज जी की सेहत के लिए की प्रार्थना

दिल को छू लेने वाला वीडियो: मदीना में मुस्लिम व्यक्ति ने प्रेमानंद महाराज जी की सेहत के लिए की प्रार्थना 1 मिनट 20 सेकंड का यह वीडियो

प्रयागराज के एक युवा मुस्लिम व्यक्ति, सूफियान इलाहाबादी द्वारा हिंदू संत प्रेमानंद महाराज के लिए की गई प्रार्थना ने पूरे देश में इंसानियत और धार्मिक सद्भाव का नया संदेश फैलाया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुआ उनका वीडियो भारत की गंगा-जमुनी तहज़ीब की एक झलक बन गया है।

1 मिनट 20 सेकंड का यह वीडियो मदीना शरीफ़ के पवित्र स्थल से रिकॉर्ड किया गया है, जहाँ सूफियान प्रेमानंद महाराज के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए दुआ करते दिखाई दे रहे हैं। वे बेहद नम्र भाव से कहते हैं—

“संत प्रेमानंद महाराज बहुत अच्छे इंसान हैं। हमें पता चला है कि उनकी तबियत ठीक नहीं है। हम अभी खिजरा में हैं, और यहीं से हम दुआ करते हैं कि अल्लाह उन्हें स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती प्रदान करे। हम भारत से हैं और हम उनकी प्रशंसा भी करते हैं। वह एक नेक और सच्चे इंसान हैं।”

सूफियान आगे कहते हैं—

“मैं प्रयागराज से आया हूँ, गंगा-यमुना के संगम की धरती से। हिंदू या मुसलमान कोई मायने नहीं रखता। असल मायने रखता है कि इंसान कैसा है।”

उनकी यह बात सुनते ही सोशल मीडिया पर लोगों ने दिल से प्रतिक्रिया दी। किसी ने लिखा, “आमीन! यही भारत की असली आत्मा है।” तो किसी ने कहा, “ऐसे लोग ही देश में प्रेम और एकता बनाए रखते हैं।”

वीडियो के वायरल होते ही #UnityInDiversity, #PrayForPremanandMaharaj और #HumanityFirst जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। लोग सूफियान की सोच की तारीफ कर रहे हैं और इसे “भारत की वास्तविक संस्कृति” कह रहे हैं।

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष, मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने सूफियान की इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा,

“इस्लाम सहिष्णुता और मानवता का धर्म है। सूफियान ने जो किया, वह कुरआन की उस शिक्षा को दर्शाता है जिसमें कहा गया है कि सबके लिए भलाई की दुआ करो। मैं भी प्रेमानंद महाराज के शीघ्र स्वस्थ होने की दुआ करता हूँ।”

उन्होंने आगे कहा कि मदीना जैसे पवित्र स्थल से किसी दूसरे धर्म के व्यक्ति के लिए दुआ करना, इंसानियत की उच्चतम मिसाल है।

सोशल मीडिया के ज़रिए यह संदेश तेजी से फैला कि अगर एक मुस्लिम युवक मदीना से हिंदू संत के लिए दुआ कर सकता है, तो हम सब भी दिल से एक-दूसरे के लिए भलाई सोच सकते हैं।

यह घटना भारत की उस सांस्कृतिक पहचान को और मजबूत करती है जहाँ गंगा-जमुनी तहज़ीब ने हमेशा भाईचारे, प्रेम और एकता का संदेश दिया है। प्रयागराज के सूफियान ने अपने इस कदम से दुनिया को दिखाया कि धर्म से ऊपर इंसानियत होती है।

दिल को छू लेने वाला वीडियो: मदीना में मुस्लिम व्यक्ति ने प्रेमानंद महाराज जी की सेहत के लिए की प्रार्थना
दिल को छू लेने वाला वीडियो: मदीना में मुस्लिम व्यक्ति ने प्रेमानंद महाराज जी की सेहत के लिए की प्रार्थना

दुनिया में जब लोग धर्म, मजहब और विचारों की सीमाओं में बंट रहे हैं, तभी प्रयागराज के सूफियान इलाहाबादी ने एक ऐसा काम कर दिखाया, जिसने सबको यह याद दिला दिया कि इंसानियत किसी धर्म की मोहताज नहीं होती। सोशल मीडिया पर वायरल हुआ उनका वीडियो आज हर उस दिल को छू रहा है जो एक शांत, प्रेमपूर्ण भारत की कल्पना करता है। 

वीडियो में सूफियान मदीना शरीफ़ की पवित्र ज़मीन पर खड़े हैं। उनके हाथ दुआ के लिए उठे हुए हैं, और उनकी आँखों में सच्ची श्रद्धा झलक रही है। वे कहते है

“संत प्रेमानंद महाराज बहुत अच्छे इंसान हैं। सुना है उनकी तबियत ठीक नहीं है। हम अभी खिजरा में हैं और यहीं से अल्लाह से दुआ करते हैं कि उन्हें सेहत और लंबी उम्र अता हो। हम भारत से हैं और हम उनका सम्मान करते हैं, क्योंकि वो एक नेक और सच्चे इंसान हैं।”

उनका यह कहना ही था कि वीडियो देखते ही लोग भावनाओं में डूब गए। कोई उन्हें “इंसानियत का सच्चा संदेशवाहक” कह रहा था, तो कोई लिख रहा था, “यही असली भारत है—जहाँ मदीना से वृंदावन के लिए दुआ निकलती है।”

सूफियान आगे कहते हैं—

“मैं प्रयागराज से आया हूँ, गंगा-यमुना के संगम की धरती से। वहाँ धर्म मिलते हैं, दिल मिलते हैं। हिंदू-मुसलमान का फर्क नहीं पड़ता, फर्क पड़ता है तो सिर्फ इस बात का कि कोई अच्छा इंसान है या नहीं।”

उनके इस विचार में सदियों पुरानी भारतीय संस्कृति की झलक है—वो संस्कृति जो प्रेम, करुणा और भाईचारे पर टिकी है।

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने कहा कि सूफियान का यह कदम इस्लाम की असली शिक्षा का प्रतीक है। उन्होंने कहा,

“इस्लाम मानवता और सहिष्णुता का धर्म है। सूफियान ने जो किया, वह कुरआन की उस सीख को जीवंत करता है जिसमें कहा गया है कि सबके लिए भलाई की दुआ करो। मैं भी प्रेमानंद महाराज के शीघ्र स्वस्थ होने की दुआ करता हूँ।”

सोशल मीडिया पर यह वीडियो केवल एक “वायरल कंटेंट” नहीं रहा, बल्कि एक प्रेरणा बन गया। हजारों लोगों ने लिखा कि अगर हर व्यक्ति सूफियान की तरह सोचने लगे, तो दुनिया में कोई झगड़ा, कोई नफरत बाकी नहीं रहेगी।

प्रयागराज की गलियों में पले-बढ़े सूफियान ने मदीना की पवित्र मिट्टी से जो संदेश भेजा, वह सीमाओं को पार करता हुआ हर दिल में बस गया—
“हिंदू हो या मुसलमान, दुआ तो बस इंसान के लिए होती है।”

यह दृश्य मानो भारत की आत्मा का प्रतीक बन गया—जहाँ एक ओर गंगा और यमुना का संगम होता है, वहीं दिलों का संगम भी होता है।

सूफियान की आवाज़ में जो सच्चाई थी, उसने करोड़ों लोगों के दिलों में यह एहसास जगा दिया कि जब हम किसी और के लिए भलाई की दुआ करते हैं, तो हम खुद भी बेहतर इंसान बन जाते हैं।

इस वीडियो ने नफरत के शोर में एक नई आवाज़ जोड़ दी—शांति की, प्रेम की, और एकता की।

मदीना की हवा से उठी यह दुआ वृंदावन की गलियों तक पहुँची और फिर पूरे भारत में फैल गई। इसने यह साबित किया कि “धर्म अलग हो सकते हैं, पर इंसानियत एक ही है।”

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